राज्य ब्यूरो, रांची। राज्य सरकार के ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री और कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम पर ईडी का शिकंजा कस रहा है। उनके विरुद्ध पूर्व में दर्ज कांडों व अब तक की छानबीन में आए तथ्यों के आधार पर ईडी जल्द ही समन कर पूछताछ के लिए उन्हें बुलाएगी। ईडी अब बड़हरवा टेंडर विवाद से लेकर वीरेंद्र राम प्रकरण तक में मंत्री आलमगीर आलम की भूमिका तलाशेगी।
साहिबगंज के बड़हरवा में टेंडर विवाद में मारपीट के मामले में बड़हरवा थाने में 22 जून 2020 को केस दर्ज हुआ था। इस केस के मुख्य आरोपित राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के अलावा तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के बरहेट विधानसभा क्षेत्र के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा, तपन सिंह, दिलीप साह, इश्तखार आलम, तेजस भगत, कुंदन गुप्ता, धनंजय घोष, राजीव रंजन शर्मा, संजय रमाणी, टिंकू रज्जाक अंसारी व अन्य अज्ञात थे।
प्राथमिकी दर्ज होने के महज 24 घंटे के भीतर बिना अनुसंधान, बगैर किसी का बयान लिए तत्कालीन एसडीपीओ बड़हरवा प्रमोद कुमार मिश्रा ने मंत्री आलमगीर आलम व पंकज मिश्रा को क्लीन चिट दे दी थी। इसी केस के आधार पर ईडी ने ईसीआइआर दर्ज कर छानबीन की तो साहिबगंज में 1250 करोड़ के अवैध पत्थर खनन का खुलासा किया था।
जल्द हो सकती है आलमगीर आलम से पूछताछ
अब नया मामला ग्रामीण कार्य विभाग के पूर्व मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम की गिरफ्तारी प्रकरण से है। छानबीन में ईडी ने गत वर्ष 23 फरवरी 2023 को वीरेंद्र राम को गिरफ्तार किया था। इस मामले की छानबीन के क्रम में ही ईडी ने तीन दिनों के भीतर करीब 37 करोड़ रुपये की बरामदगी कर ली है। यह बरामदगी भी मंत्री आलमगीर आलम के निजी सचिव संजीव लाल, संजीव लाल के नौकर, ठेकेदार व इंजीनियर के ठिकाने से हुई है।
टेंडर कमीशन घोटाला मामले में अनुसंधान कर रही ईडी बहुत जल्द ही ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री आलमगीर आलम को समन करेगी और उन्हें पूछताछ के लिए ईडी कार्यालय बुलाएगी। रुपयों की बरामदगी मामले में पकड़े गए आरोपितों से पूछताछ जारी है। ईडी को प्रारंभिक छानबीन में यह पता चला है कि टेंडर कमीशन का पैसा विभाग के वरिष्ठ नौकरशाहों से लेकर नेताओं तक पहुंचा है। इन सभी बिंदुओं पर ईडी मंत्री आलमगीर आलम से पूछताछ होगी।
ये भी पढ़ें-
+91 120 4319808|9470846577
स्वर्णिम भारत न्यूज़ हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं.